विश्व रक्तदान दिवस पर कुपोषित व्यक्ति क्या कह रहा है देखिए कार्टूनी नजरिया

Patrika 2020-06-14

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रविवार 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया गया. इस मौके पर देशभर में विभिन्न संस्थाओं ने रक्तदान शिविरों का आयोजन किया. रक्तदान सच में महादान है, क्योंकि रक्त का उत्पादन किसी फैक्ट्री में नहीं किया जा सकता. किसी जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर खून मिल सके इसके लिए जरूरी है कि ब्लड बैंकों में खून की उपलब्धता बनी रहे .ये तभी संभव है जब सभी स्वस्थ लोग रक्तदान करने का संकल्प लें. मगर खून दान करने के लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में खून होना भी चाहिए .हमारे देश की बहुत बड़ी आबादी ऐसी है जो एनीमिया यानी खून की कमी का शिकार है .आंकड़े बताते हैं कि देश में 5 वर्ष से कम आयु के जितने बच्चों की मौत होती है उनमें से करीब 68% बच्चों की मौत की वजह कुपोषण होती है.देश में महिलाओं की स्थिति भी पोषण के मामले में अच्छी नही है. हालांकि सरकार की तरफ से कुपोषण को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किये जाते हैं . केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में राष्ट्रीय पोषण अभियान के नाम से एक योजना शुरू की.मगर इस तरह की योजनाओं का असर तभी दिख सकता है जब इन्हें सही ढंग से लागू किया जाए . तभी देश का हर नागरिक कुपोषण से मुक्त होगा और रक्तदान कर सकेगा.इस मुद्दे पर देखिए कार्टूनिस्ट सुधाकर का दृष्टिकोण

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