अम्बेडकर नगर जिले में एक ऐसी तस्वीर सामने आयी है जिसे देखकर पुलिस महकमे के किसी बड़े हाकिम की रुखसती की यादे ताजा हो जाती हैं। यह तस्वीर सत्ता से जुड़े लोगों के मुंह पर जोरदार तमाचा है। वह चाहे संगठन से जुड़ा हुआ हो अथवा जन प्रतिनिधि हो, इन साहब ने जो कुछ किया क्या विभाग उन्हें वह सब करने की इजाजत देता है। क्षेत्र में रहने वाली सभी डायल 112 गाड़ियों को तलब कर उसके सहारे रोब ग़ालिब करना कितना उचित है। यहां तक कि सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला भी चकनाचूर हो गया। इन सबके बावजूद जायज इसलिए है कि आला हाकिम मेहरबान थे। तस्वीरे बसखारी थानाक्षेत्र की है। इन तस्वीरों में सायरन बजता दिख रहा काफिला किसी नेता या फिर किसी माफिया का नही है बल्कि यह काफिला बसखारी थानाध्यक्ष रहे मनोज सिंह की विदाई का है। दरअसल अभी एक सप्ताह पूर्व टाण्डा से भाजपा विधायक संजू देवी अपने समर्थकों के साथ बसखारी थाने पहुंची थी और बसखारी थानाध्यक्ष पर अवैध वसूली, कार्यकर्ताओं का शोषण समेत कई आरोपों को लेकर थानाध्यक्ष को हटाने की मांग पर अड़ गई। कई घंटे विधायक थाने पर बैठी रही आखिरकार मौके पर CO सदर ने कार्यवाही का भरोसा दिलाया फिर जाकर मामला शांत हुआ। कार्यवाही भी हुई तो सिर्फ स्थानांतरण की। बसखारी थानाध्यक्ष मनोज सिंह को बसखारी से हटाकर जैतपुर थाने की कमान साहब ने सौंप दी। जैसे ही थाना अध्यक्ष मनोज सिंह की विदाई के काफिले का वीडियो मीडिया की सुर्खियों में आया तो, जिले के पुलिस महकमे के आला हाकिम भी सकते में आ गए और तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रभारी निरीक्षक मनोज सिंह के साथ-साथ काफिले में शामिल 10 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया।