पिपलियामंडी में लॉकडाउन में सभी व्यवसायों की आर्थिक कमर टूट गई है और छोटे बड़े सभी व्यवसाय बंद है, जिससे गरीब परिवार में रोजगार चलना मुसीबत पड़ गया है। जैसे तैसे लोग डाउन की छूट में एक फल विक्रेता अपने परिवार को चलाने के लिए लॉकडाउन की छूट में फल विक्रेता रहा है पर पुलिस के टॉर्चर से तंग आकर युवक ने सड़क पर फेंके फल। एक ऐसा ही मामला पिपलिया मंडी क्षेत्र में सामने आया है। दरअसल मनोज नामक फल विक्रेता ने शनिवार सुबह जब अपने घर से फल विक्रेता के लिए निकला त़ो पुलिस की गाड़ी आई और उसे गाली गलौज करने लगी। मनोज का कहना है कि लगभग उसे 10 महीनों से ऐसे ही पुलिस द्वारा परेशान किया जा रहा है। "नगर में और भी दुकान है पर मुझे ही टारगेट बनाया जा रहा है." जिससे पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर मनोज ने फल सड़क पर फेंक दिए, जिसके बाद पुलिस ने उसे 5 घंटे थाने में बिठाया, जिसके बाद परिजन व मित्र द्वारा जनपद पंचायत अध्यक्ष शांतिलाल जी मालवीय को इस मामले से अवगत कराया जिसके बाद जनपद अध्यक्ष ने एसपी साहब को एसडीओपी को इस मामले से अवगत कराया। फिर जाकर पुलिस ने मनोज नामक युवक को छोड़ा, पर टीआई बीएस गोरे का कहना है कि मनोज नामक फल विक्रेता का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है, इससे उसने फल सड़क पर फेंके। मनोज का कहना है कि वह कोई मानसिक रोगी नहीं है बल्कि पुलिस के टोर्चर से तंग आकर उसने फल सड़क पर फेंके और मनोज ने बताया कि "मैं अपने परिवार को चलाने के लिए लॉक डाउन की छूट में फल विक्रेय कर रहा हूं और सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क पहनकर व सैनिटाइजर का इस्तमाल कर पूरा पालन कर रहा हूँ फिर भी पुलिस मुझे टॉर्चर कर रही है। "