कोरोना वायरस संक्रमण से परेशान सभी इसका इलाज ढूंढ रहे हैं। रोजाना कोई न कोई शोध हो रहा है। पर अभी तक कोई दवा नहीं मिल सकी है। लखनऊ की शोध संस्था सीडीआरआई ने संतरे के छिलके से एक दवा तैयार दें, उनका दावा है कि यह कोरोना संक्रमण को छूमंतर कर देगी। केजीएमयू की एथिक्स कमेटी में ड्रग ट्रॉयल को मंजूरी मिल गई है। अब केजीएमयू, सीडीआरआई के संतरे के छिलके से तैयार दवा का अपने संस्थान में भर्ती कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों पर टेस्ट करेगा। डाक्टरों को अच्छे परिणाम की आशा है। इसके साथ ही एथिक्स कमेटी ने ट्रॉयल में शामिल होने वाले मरीजों का बीमा कराने का फैसला लिया है।
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कोरोना वायरस को पस्त करने के लिए सीडीआरआई ने संतरे के छिलके से दवा तैयार की है। यह दवा केजीएमयू में भर्ती कोरोना मरीजों पर परखी जाएगी। शनिवार को केजीएमयू एथिक्स कमेटी की बैठक हुई। इसमें ड्रग ट्रॉयल को मंजूरी मिल गई है। कमेटी ने ट्रॉयल में शामिल मरीजों का बीमा कराने का भी फैसला किया है।
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यूपी में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। इस वक्त प्रदेश में 6107 कोरोना वायरस पाजिटिव मरीज हैं। अभी कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज की कोई दवा नहीं है। तमाम तरह की दवा और वैक्सीन पर शोध व ट्रायल चल रहे हैं। राजधानी एक प्रसिद्ध शोध संस्थान सीडीआरआई ने संतरे के छिलके से दवा तैयार की है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) और केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) के बीच करार हो चुका है। केजीएमयू एथिक्स कमेटी ने ड्रग ट्रॉयल को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों का कहना है कि इस दवा का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होगा। केजीएमयू में 132 मरीजों पर इसका किया जाएगा, इन मरीजों का बीमा भी कराया जाएगा।
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केजीएमयू रिसर्च सेल के प्रभारी डॉ. आरके गर्ग ने बताया कि कुल 132 कोरोना पॉजिटिव मरीजों पर ट्रॉयल होगा। इनमें 66 मरीजों को सीडीआरआई की तैयार दवा दी जाएगी। बाकी मरीजों को दूसरी दवाएं। इसके बाद शरीर में वायरस का प्रकोप कैसे और कितनी जल्दी खत्म हो रहा है। इस पर निगरानी रखी जाएगी। चिकित्सा विज्ञान में इसे वायरस क्लीयरेंस कहते हैं।
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