पवित्र रमजान के आखरी जुमे पर आज देश भर में अलविदा जुमे की नमाज मुस्लिम समुदाय के लोगों अदा की। कोरोना संकट के चलते इतिहास का ये पहला मौका था जब नमाजियों से खचाखच भरी रहने वाली तमाम तर मस्जिदें या तो सूनी रही या दो-चार लोगों ने नमाज अदा की। लोगों का कहना है कि दुःख तो हमे बहुत इस बात का है नमाज नही पढ़ पा रहे लेकिन दुआ भी कर रहे क्योंकि हमे इस बीमारी से बचना है। अमेठी जिले के जायस कस्बा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में आता है। यहा भी जामा मस्जिद से लेकर किसी भी मस्जिद में अलविदा की नमाज नही हुई। जामा मस्जिद के जनरल सिक्रेटरी इशरत हुसैन ने मीडिया को बताया कि तक़ारीब डेढ़ दो हजार आदमी ऊपर नीचे छत पर नमाज पढ़ते थे। लेकिन वबा (महामारी) आ गई और कानून के पालन करने की बात कही गई तो एक एक बच्चा आज अपने घरों में था। मस्जिद के अंदर वो पांच आदमी गए जिनकी अनुमति है। मैं मस्जिद के गेट पर खड़ा चौकीदारी कर रहा था। हमे दुःख है हम मस्जिदों में नमाज नही पढ़ पाए लेकिन दुआ कर रहे हैं के हमे और परिवार को इस बीमारी से बचाना है। उन्होंने कहा कि ईद की नमाज भी हम लोग घर पर पढ़ लेंगे। इसलिए के नमाज भी अल्लाह की मौका भी उसका और बीमारी भी उसी की तरफ से। हम बकरीद की नमाज पढ़ लेंगे। जामा मस्जिद और ईदगाह में हम ईद की नमाज नही अदा करेंगे। हम लोग घूम कर ऐलान भी करेंगे कि ईद की नमाज अपने घरों में पढ़े और दुआ करें कि और ऊपर वाले से की हमारे मुल्क से और दुनिया से ये वबा चली जाए।