मौलाना की मुसलमानो से अपील, घरों में अदां करें अलविदा जुमा व ईद की नमाज़

Bulletin 2020-05-22

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रमजान उल मुबारक के अलविदा जुमा व ईद की नमाज को लेकर कैराना की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना ताहिर ने मुसलमानों के लिए खास पैगाम जारी किया गया हैं। मौलाना ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से देश में चौथा लॉक डाउन चल रहा हैं जो 31 मई तक रहेगा। वहीं इसी दौरान अलविदा व ईद उल फितर का त्यौहार होगा। पिछले काफी वक्त से पाँच वक़्त की फ़र्ज़ नमाज़ व नमाज़ ए जुमा मस्जिदों में सामूहिक रूप से अदा नही हो पा रहें हैं। ऐसे में अलविदा जुमे पर भी घरों में रहकर जोहर की नमाज अदा करने व ईद की नमाज के बदले चाश्त की नमाज अदा करने की मौलाना ने लोगों से अपील की हैं। मौलाना ने बताया कि ईद उल फितर की नमाज़ वाजिब है। लॉक डाउन के दौरान ईद की नमाज घरों में नहीं पढ़ सकते इसलिए कि जो शरई हुक्म नमाज़ ए जुमा में है वही हुक्म ईद उल फितर की नमाज़ में भी है। इसलिए अलविदा के दिन मुसलमान घरों में जोहर नमाज़ अदा करें। वहीं नमाज ए ईद वाजिब हैं इसलिए इसकी कज़ा मुमकिन नही हैं। तो जिन लोगों को नमाज़ पढ़ने की इजाज़त मिले वो लोग ब जमात अदा कर ले बाकि लोग इसके बदले घरों में चार रकात नमाज ए चाश्त पढ़ ले तो बेहतर हैं। ये उनकी नफिल नमाज़ होगी। ये नमाज़े ईद नही और न उसे ईद की क़ज़ा समझे। नमाज ए ईद वाजिब होने की शर्तों में से एक शर्त ये भी है हुकूमत की जानिब से किसी तरह की कोई बंदिश न हो जबकि इस वक्त पांच लोगों के अलावा पाँच वक़्त की नमाज़ और जुमा की नमाज पढ़ना कानूनन मना हैं। ऐसी सूरत में ईद की नमाज हम लोगों पर वाजिब ही नहीं। इसी बिना पर जो शख्स इमाम के साथ ईद की नमाज नहीं अदा कर सकता। उसके जिम्मे ईद की कज़ा भी नहीं हैं और अगर जुमा की नमाज नहीं पढ़ सका तो जुमा के बदले जोहर तो अदा कर सकते हैं।

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