अखिलेश यादव ने मंच पर चढ़ते ही चाचा शिवपाल के पैर तो छुए, लेकिन बात करने से बचते रहे। नेताजी के जाने के बाद महावीर सिंह यादव ने अखिलेश यादव से फोटो के लिए इशारा किया तो अखिलेश सहर्ष तैयार हो गये और एक ग्रुप फोटो करवाया, जिसमें शिवपाल सिंह यादव, दर्शन सिंह प्रधान महावीर सिंह यादव, पूर्व सांसद रामसिंह शाक्य मौजूद रहे। कार्यकर्ता खुश थे। अखिलेश यादव ने मंच पर चढ़ते ही चाचा शिवपाल के पैर तो छुए, लेकिन बात करने से बचते रहे। नेताजी के जाने के बाद महावीर सिंह यादव ने अखिलेश यादव से फोटो के लिए इशारा किया तो अखिलेश सहर्ष तैयार हो गये और एक ग्रुप फोटो करवाया, जिसमें शिवपाल सिंह यादव, दर्शन सिंह प्रधान महावीर सिंह यादव, पूर्व सांसद रामसिंह शाक्य मौजूद रहे। कार्यकर्ता खुश थे। #Akhileshyadav #Mulayamsinghyadav #Holi उन्हें उम्मीद थी कि इस बार होली पर चाचा-भतीजे के सारे गिले-शिकवे दूर होंगे और वह एक हो जाएंगे। मारे खुशी के चाचा-भतीजा जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। सुनकर, अखिलेश भड़क उठे। खुद को चाचा के साथ जोड़ना उन्हें रास नहीं आया। इशारों ही इशारों में कहा कि वह सबके चेहरे पहचानते हैं। उनकी नाराजगी भरी डांट से पंडाल में सन्नाटा पसर गया। अखिलेश ने साफ संदेश दे दिया कि पारिवारिक रिश्ते अलग हैं और राजनीतिक अलग। सपा मुखिया के गुस्से देखकर कार्यकर्ता हतप्रभ और मायूस थे। शिवपाल समर्थक दबी जुबान से यही कहते रहे कि अखिलेश यादव को चाचा के साथ मिलकर 2022 का चुनाव लड़ना चाहिए।