प्रदेश में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष टिड्डी प्रकोप दो से तीन गुना बढऩे की आशंका है। इस वर्ष 11 अप्रेल से अब तक प्रदेश का 37 हजार हैक्टेयर इलाका टिड्डी प्रकोप से प्रभावित हो चुका है और कुछ नए जिले भी इस प्रकोप की चपेट में आए हैं। राजस्थान में पिछले वर्ष टिड्डी दलों का प्रकोप अक्टूबर नवम्बर में हुआ था और करीब डेढ़ लाख हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ था, जिस पर इस वर्ष जनवरी तक काबू पा लिया गया था। पिछले साल टिड्डी दलों के प्रकोप से जोधपुर, जैलसमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, जैसे सरहदी जिले ही अधिक प्रभावित हुए थे, लेकिन इस बार अप्रेल से ही टिडडी दलों के हमले शुरू हो गए हैं। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन ने इस साल व्यापक पैमाने पर टिड्डी प्रकोप की आशंका जताते हुए गत वर्ष की तुलना में दो से तीन गुना अधिक प्रभाव की चेतावनी दी है। इस साल पिछले वर्ष प्रभावित हुए 12 जिलों के अलावा अन्य जिलों में भी टिड्डी के पहुंचने की आशंका है। जिसकी शुरुआत हो चुकी है। प्रदेश के १० जिले तो पहले ही इसकी जद में आ चुके थे लेकिन अब राजसमंद भी इनकी चपेट में आ गया है।