Corona virus infection is not taking the name of workers to stop migrating, migrant laborers going unemployed to their village has become a major problem, to stop the growing infection of corona in the country, the fourth phase lockdown from Monday It has also started, many trains and buses have been run by the government to take the migrant laborers home, but they are proving to be insufficient, for their homes on foot. The laborers who have come out are falling prey to road accidents, the heart of poet Dr. Kumar Vishwas is filled with seeing life dying on the streets, they have expressed their anger and pain on Facebook.
कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच मजदूरों को पलायन रूकने का नाम नहीं ले रहा है, प्रवासी मजदूरों का बेरोजगार होकर अपने गांव की ओर जाना एक बड़ी परेशानी बन गया है, देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए सोमवार से चौथे चरण का लॉकडाउन भी शुरू हो गया है, सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए कई ट्रेनें-बसें चलाई गयी हैं लेकिन वो नाकाफी साबित हो रही हैं, पैदल अपने घरों के लिए निकले मजदूर सड़क हादसों के शिकार हो रहे हैं, सड़कों पर यूं दम तोड़ती जिंदगी देखकर कवि डॉ. कुमार विश्वास का दिल भर आया है, उन्होंने अपना गुस्सा और दर्द फेसबुक पर जाहिर किया है।
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