कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के 20 लाख करोड़ के पैकेज के पहले चरण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को 15 बड़ी घोषणाएं की। वित्तमंत्री ने लगभग दो घंटे चली प्रेस क्रॉन्फेंस में छोटे और मझोले उद्योगों (MSME) के लिए 6 बड़ी घोषणाएं की। वित्तमंत्री ने छोटे उद्योगों के लिए तीन लाख करोड़ के आसान लोन पैकेज का भी एलान किया।
सबसे बुरे दौर से गुजर रहे छोटे और मझोले उद्योगों के लिए वित्तमंत्री के एलानों को अर्थव्यवस्था और बाजार के जानकर मिला जुला करार दे रहे है। वेबदुनिया से बातचीत में आर्थिक विशेषज्ञ आदित्य मनियां जैन कहते हैं कि वित्तमंत्री ने जितने एलान किए है वह आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में सही कदम है लेकिन वित्तमंत्री कोरोना संकट से जूझ रहे छोटे और मझोले उद्योगों को सीधे मदद देने में चूक गई।
आज जरूरत इस बात की थी सरकार कुटीर,छोटे और मझोले उद्योगों के लिए कुछ ऐसे एलान करती जिसका उन्हें सीधे फायदा होता। छोटे और लघु उद्योग जहां बड़े पैमाने पर मजदूरों को रोजगार मिलता है उसको बचाने की जरुरत थी। कोरोना संकट के चलते आज इन छोटे और मझोले उद्योगों के पास न तो पूंजी बची है और न ही कामगार ऐसे में इनको फिर से खड़ा करने में पसीने छूट जाएंगे।