कैराना के लाॅक डाउन लगने से पहले 30 जमाती 40 दिन की जमात में मथुरा गए थे। जिनमें से एक जमाती की कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी। बाद में रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। जिसके बाद मथुरा के प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहें बाकी 29 जमातियो को यूपी रोडवेज के द्वारा उनके गृह जनपद भेजा गया। जिसके बाद स्थानीय प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी जमातियो की थर्मल स्कैनिंग की तथा सभी को 14 दिन तक होम क्वॉरेंटाइन किया गया। लाॅक डाउन लगने से पहले 15 मार्च को कैराना नगर के 30 जमाती 40 दिन की जमात के लिए निकले थे। सबसे पहले जमाती शामली मरकज में रुके। उसके बाद दिल्ली निजामुद्दीन मरकज में पहुंचे। दिल्ली निजामुद्दीन मरकज से सभी जमातियो को मथुरा के लिए भेज दिया गया था।30 मार्च को मथुरा के प्रशासन ने सभी 30 जमातियो को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था। उसके बाद सभी जमातियो की कोरोना संक्रमण की जांच के लिए सैंपलिंग हुई। जिनमें से एक जमाती कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। जिसको आगरा कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन बाद में उक्त जमाती की कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी। इसी दौरान 4 अप्रैल को जमात के 1 साथी अहसान ने फेसबुक पर वीडियो वायरल कर मथुरा प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम का धन्यवाद किया था। जिसमें जमातियो ने कहा था कि प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनके स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा जा रहा हैं। उन्हें वहां पर किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हैं। वहीं मथुरा क्वॉरेंटाइन सेंटर में करीब 45 दिन तक रहने के बाद मथुरा प्रशासन ने बुधवार को सभी 29 जमातियो को यूपी रोडवेज बस के द्वारा जनपद शामली में भेज दिया। प्रशासन द्वारा 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन किया गया हैं।