In Agra, a mother wandering painfully wandering with her baby girl in her arms. Neither an ambulance was found, nor a hospital nor a doctor. Eventually the two-year-old died in her mother's lap. Her daughter's eyes closed forever before the mother's eyes. This mourning mother only cries that her daughter would have been alive today if she had got treatment.
आगरा में एक मां दर्द से तड़पती अपनी बच्ची को गोद में लिए भटकती रही। ना एंबुलेंस मिली, ना अस्पताल और ना ही कोई डॉक्टर। आखिरकार दो साल की मासूम ने मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। मां की आंखों के सामने उसकी बेटी की आंखें हमेशा के लिए बंद हो गईं। रोती-बिलखती इस दुखयारी मां का सिर्फ इतना कहना है कि इलाज मिल जाता तो उसकी बिटिया आज जिंदा होती।
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