आमदिन होते तो टिकट खिड़की से लेकर प्लेटफॉर्म पर भीड़ होती। स्टॉल से गर्म चाय से लेकर गर्मी में बिक्री होने वाले शीतलपेय की पुकार होती, लेकिन 22 मार्च से पश्चिम रेलवे के सबसे अधिक राजस्व देने वाले रतलाम रेल मंडल में सन्नाटा है। प्रतिदिन औसतन 150 यात्री ट्रेन जिस स्टेशन से निकलती थी, वहां पर अब कुछ है तो आती जाती मालगाडिय़ों की सिटी की आवाज।