जयपुर- राजस्थान सरकार को आईसीएमआर से प्लाज्मा थेरेपी के इस्तेमाल करने की अनुमति मिलने के बाद आज से कोरोना मरीजों का इससे इलाज शुरू हो गया है । सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ. डीएस मीणा ने बताया अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है। अस्पताल में जो मरीज गंभीर है उनका इस थेरेपी से इलाज किया जा रहा है। बता दें राजस्थान में सवाई मानसिंह अस्पताल में सबसे पहले इस थेरेपी से इलाज किया जा रहा है। हालांकी देश के कई राज्यों में पहले से इससे इलाज शुरू हो चुका है ।
क्या है प्लाज्मा थेरपी
इसमें एक तरह से एंटीबॉडी का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे प्लाज्मा थेरपी के अलावा एंटीबॉडी थेरपी भी कहा जाता है। किसी खास वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी तभी बनता है, जब इंसान उससे पीड़ित होता है। जो मरीज कोरोना वायरस से पीड़ित होता है, जब वह ठीक हो जाता है तो उसके शरीर में कोविड के खिलाफ एंटीबॉडी बनती हैं, इसी एंटीबॉडी के बूते पर मरीज ठीक होता है।
कैसे काम करती है?
पहली में वायरस शरीर में जाता है। दूसरी में यह फेफड़ों तक पहुंचता है और तीसरे में शरीर इससे लड़ने (एंटीबॉडी ही वायरस से लड़ाई करता है) और इसे मारने की कोशिश करता है, जो सबसे खतरनाक स्टेज होती है। यहां शरीर के अंग तक खराब हो जाते हैं।
कब सबसे कारगर है?
प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने के लिए सबसे सही वक्त दूसरी स्टेज होती है। क्योंकि पहली में इसे देने का फायदा नहीं और तीसरी में यह कारगर नहीं रहेगा। प्लाज्मा थेरपी मरीज को तीसरी स्टेज तक जाने से रोक सकती है। कोरोनावायरस के मरीजों पर इसके इस्तेमाल से उनकी हालत में सुधार देखा गया है।