जयपुर। मजदूरों के लिए ये दो दिन खुशखबरी भरे रहे हैं। शुक्रवार से प्रवासी मजदूरों को अपने घर जाने की सौगात मिलने लगी है। अब उन्हें इन ट्रेनों में जाने के लिए टिकट भी नहीं खरीदना पड़ेगा। मजदूर दिवस पर तेलंगाना से झारखंड और जयपुर से पटना के लिए विशेष ट्रेनें चलाकर कुछ प्रवासी मजदूरों और छात्रों को उनके घर भेजा गया। अब यह विशेष ट्रेनें जारी हैं और शनिवार को कई ट्रेनों से विभिन्न राज्यों के प्रवासी मजदूरों के साथ छात्रों को गृह राज्य भेजा जा रहा है। खास बात यह है कि इन प्रवासी मजदूरों और छात्रों को किराया नहीं देना पड़ेगा। रेल मंत्रालय के मुताबिक इन विशेष ट्रेनों का किराया राज्य अपने फंड से देंगे। रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार प्रति ट्रेन एक हजार से 12 सौ यात्री ले जाए जाएंगे। उन्हें खाने—पीने का सामान भी रेलवे देगा। इस तरह प्रति यात्री कम से कम 50 रुपए किराया बनता है। यह किराया यात्रियों को नहीं देना होगा और ना ही जाने वाले प्रवासियों को कोई टिकट खरीदना होगा।
इससे पहले राज्यों की मांग पर गृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से फंसे लोगों को उनके राज्य ले जाने के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल करने की अनुमति शुक्रवार को दी थी। इसके बाद से कई राज्यों की मांग पर रेलवे यह विशेष ट्रेनें संचालित कर रहा है। लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और छात्रों को अब इन विशेष ट्रेनों के माध्यम से उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है।
श्रमिक विशेष ट्रेनों की बात करें तो आज अकेले केरल से 5 विशेष ट्रेनें चलाई गई हैं। वहीं तेलंगाना, महाराष्ट्र और राजस्थान से भी ट्रेनों का जाना जारी है। भारतीय रेलवे ने कहा है कि आने वाले दिनों में इस तरह की और ट्रेनें चलाई जाएंगी। सरकार ने अब तक उन फंसे लोगों को ही यात्रा की अनुमति दी है, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं है।