कोरोन वायरस के कहर के बीच गल्फ में रहने वाले राजस्थान के प्रवासियों की दास्तान

Patrika 2020-05-01

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जयपुर। भारत से खाड़ी देशों में रोजगार के लिए आए श्रमिक यहां के रियल हीरो हैं। वैसे तो दुनिया के हर देश के श्रमिक यहां रहते है, लेकिन यहां सबसे ज्यादा भारतीय मूल के हैं। भारत में एजेंटों को हजारों रुपए वीजा के लिए देकर मजदूर खाड़ी देशों में रोजगार के लिए आते हैं। यहां आने पर काम और कम्पनी अच्छी मिल जाती है तो वीजा के पैसे जल्दी वसूल हो जाते है। वरना कई साल तक मेहनत कर वीजा के पैसे ही बराबर होते है। कंपनियों में हजारों की संख्या में श्रमिक रहने से हर काम में लम्बी लाइन में खड़ रहना पड़ता है। काम दिन व रात में किसी भी समय मिल सकता है । काम का वक्त भी दस से बारह घंटे तक रहता है । किसी को कम्पनी अच्छी मिल जाती है तो सालों तक रह जाते है और कम्पनी अच्छी नही मिलती है तो जल्दी ही देश जाना पड़ता है। कोरोना वैश्र्विक महामारी का असर गल्फ के हर देशों में है। पाक रमजान का महीना चल रहा है। राजस्थान के दांतारामगढ़ के मुस्लिम भाई लोग अपने घर जाकर ईद मनाने के लिए तैयार है। लेकिन दोनों तरफ विमान बंद रहने की वजह से काफी परेशान है। किसी भी श्रमिक ने आज तक ऐसा बंद कभी नही देखा। बहरीन से महेंद्र कुमार ने बताया की रमजान में मोल बाजार और कंपनियों में काम काज चालू हो रहा है । लेेकिन हर व्यक्ति के लिए मास्क व हाथों में दस्ताने अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर बहरीन के एक हजार दिनार जुर्माना है । दुबई से दीपक कुमावत ने बताया की दांतारामगढ़ के सभी लोग सुरक्षित है और जागरूक भी है। कार्यक्षेत्र पर रोज सुबह प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है जिससे अब तक सभी कामगार सुरक्षित पाए गए है। यहां के स्वास्थ्य विभागों द्वारा बीमार होने वाले व्यक्ति का टेस्ट भी मुफ्त में किया जा रहा है। सऊदी अरब से अशोक कुमार ने बताया की रमजान में कर्फ्यू हटा दिया है। बाजार खुल रहे है, काम काज शुरू हो रहे है क्षेत्रवासी सभी सुरक्षित है। सब कुछ सामान्य होने में अभी समय लगेगा । कुवैत से प्रभु दयाल ने बताया की जहां मैं काम कर रहा हूं यहां मैं सुरक्षित हूं। काम पर आते हैं तो हमारा दो जगह चेकअप होता है।

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