During the Port Elizabeth Test in November 2001, match referee Mike Denness called six Indian players for a hearing. Viru Sehwag, Harbhajan Singh, Deepdas Gupta, SS Das were fined/suspended for excessive appealing. Captain Ganguly was handed a one match suspended sentence for failing to control the team. Sachin was accused of ball tampering and handed a suspended ban for one Test Match. He accepted that he merely used his thumb to clean the grass off the seam. Generally umpires check the ball every 2–3 overs. Sachin told Denness to consult the umpires but Denness refused.
सचिन तेंदुलकर, क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले इस खिलाड़ी के करियर पर कोई ऐसा दाग नहीं लगा. जिसकी वजह से उन्हें पछतावा हो. सचिन उन क्रिकेटरों में से हैं, जिनकी बात ना मिटने वाली लकीर की तरह होती है. पूरे 24 साल के करियर में सचिन का नाता विवादों से काफी दूर रहा. लेकिन, एक वक्त ऐसा आया था जब पूरी दुनिया के सामने सचिन बेईमान साबित हो गए थे. साल 2001, पोर्ट एलिजाबेथ का मैदान और भारत-साउथ अफ्रीका के बीच चल रहे दूसरे टेस्ट का तीसरा दिन. सचिन तेंदुलकर गेंदबाजी करने आए और उनकी गेंद बहुत ज्यादा स्विंग होने लगी.
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