हतो वा प्रापयति स्वर्गंम , वा भोग्यसे महि।
तस्माद उत्तिष्ठ कौन्तेय , युद्धाय कृत निश्चयः
जो क्षत्रिय है और योद्धा है उनके लिए यह श्लोक , भागवत्व गीता के द्वितीय अधयाय , सांख्या योग से है
श्री कृष्ण कह रहे है ,,कि हे अर्जुन,,, अगर इस धर्म युद्ध मे ,,,वीरगति को प्राप्त हुए ,,,तो स्वर्ग का भोग करोगे,,, और अगर विजयी हुए तो इस पृथ्वी का।
इसलिए हे कौन्तेय , कुंती पुत्र अर्जुन , उठो और युद्ध का दृढ़ निश्चय करो।
अंत मे इस श्लोक का संदर्भ फिर लिया आएगा।
ॐ
इस ध्वनि का उच्चारण करिए ,,,क्योकि हो सकता है कि कुछ दिन बाद मोदी जी आह्वान करे ,,,सभी देशवासी एक साथ ॐ का उदघोष करेंगे।
पिछली बार ,,,किसी ने दीप प्रजवलित किया , किसी ने कैंडल जलाया , और किसी ने टोर्च।
यह इसलिए नही किया गया क्योंकि मोदी जी ने कहा था , ये इसलिए किया गया क्योकि यह सही था।
दीपावली पर, गृह प्रवेश पर और अग्निहोत्र में हम सभी दीप प्रजवलित कर अग्नि का आह्वान करते ही है। आप ॐ का उच्चारण करिए , दीप प्रजवलित करिए या अग्निहोत्र करिए - आपको सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव अवश्य होगा।
दीप प्रजवलित करना ,,,,,सनातन और पुरातन काल से ही ,,,,सकारात्मक रहा है और सही रहा है ,,,इसलिए इस कार्य को हम सभी ने किया।
यह सही था ,,,इएलिये मोदी जी ने भी इसे करने को कहा,,,
मोदी जी ने कहा ,,,सिर्फ इसलिए यह सही नही हो जाता हैं।
जैसे भागवत्व गीता में कहा गया कि आत्मा अमर है
प्रतन्तु आत्मा अमर तो ,,,इस सृष्टि के प्रारंभ से ही है।
सिर्फ गीता में इसे,,, फिर से कहा गया है ।
तो आत्मा,, इसलिए अमर नहीहैं,,, क्योंकि गीता में कहा गया हैं - परन्तु आत्मा हमेशा से अमर है अमर थी और अमर रहेगी ,, इसलिए ,,,इसे गीता में कहा गया ।
तो तात्पर्य यह है कि,,, कुछ सत्य हमेशा से ही सत्य है ,,,उसे मोदी जी कहे,,,और यहां तक कि उसे अगर राहुल गाँधी भी कहे ,, तो भी वो सत्य ही रहेंगे।
तो कई बार,, सत्य कार्य से हम ,,सिर्फ इसलिए वंचित रहते है,,, क्योंकि इन कार्यो का निवेदन वो व्यक्ति कर रहा है जिससे हमारे वैचारिक मतभेद है।
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