पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 'हिंदुत्व जीने का तरीका' वाले सुप्रीम कोर्ट के जज के फैसले को दोषयुक्त बताया जिसके बाद एक बार फिर बवाल खड़ा हो गया है. मनमोहन सिंह के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है. मंगलवार को दिवंगत कम्युनिस्ट नेता ए.बी. बर्धन स्मृति व्याख्यान समारोह के दौरान बोलते हुए मनमोहन सिंह ने कहा था कि एक संस्थान के रूप में न्यायपालिका को, संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना की हिफाजत करने के प्राथमिक कर्तव्य की अपनी दृष्टि नहीं खोनी चाहिए. मनमोहन सिंह के इस बयान पर सवाल उठने लगे हैं कि धर्मनिरपेक्षता पर कांग्रेस क्यों कंफ्यूज है.