'निर्भया केस मौत की सजा के लिए फिट केस है. यह रेयरस्ट ऑफ रेयर केस है. दोषी किसी तरह की सहानुभूति पाने का हकदार नहीं है. उसे मौत की सजा मिलनी चाहिए. इस मामले में जल्द फैसला होना चाहिए, क्योंकि दोषी कानूनी दांवपेंच खेलकर वक्त जाया कर रहे हैं.' निर्भया केस में दोषी अक्षय ठाकुर की ओर से दायर रिव्यू पिटीशन की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने ये बातें कहीं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही दोषी के वकील एपी सिंह (AP Singh) ने कहा, निर्भया केस में मीडिया दबाव बना रहा है. इस केस में समाज के दबाव में सजा दी गई. हमने सीबीआई (CBI) जैसी जांच एजेंसी से जांच की मांग की थी. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दोपहर बाद एक बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया.