64 दिनों से शाहीनबाग में चल रहे गतिरोध के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सख्त तेवर अपनाए. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा, हम अधिकारों की रक्षा के नाम पर विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सड़क जाम कर दें या रास्ता ब्लॉक कर दें. जस्टिस संजय कौशल, जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा, लोकतंत्र हर किसी के लिए है, विरोध के नाम पर कोई भी सड़क जाम नहीं कर सकता. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े को वार्ताकार के तौर पर नियुक्त किया. वकील साधना रामचंद्रन वकील संजय हेगड़े की मदद करेंगी. मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी.
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