खेती को लेकर चिंतित जी-20 देश

Patrika 2020-04-22

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जी-20 देशों के कृषि मंत्रियों ने कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप की पृष्ठभूमि में खाद्य अपव्यय और नुकसान से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग करने और सीमाओं के पार भी खाद्य आपूर्ति की निरंतरता बनाए रखने का संकल्प लिया है। जी- 20 देशों ने खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए एक साथ काम करने, सीखे गए सर्वोत्तम अभ्यासों और अनुभवों को साझा करने, अनुसंधान, निवेशों, नवाचारों तथा सुधारों को बढ़ावा देने का भी संकल्प लिया है, जो कृषि और खाद्य प्रणालियों की स्थिरता और लचीलापन में सुधार करेंगे। जी-20 देशों की हुई असाधारण बैठक में इस महामारी पर नियंत्रण के लिए सख्त सुरक्षा और स्वच्छता उपायों पर विज्ञान आधारित अंतरराष्ट्रीय दिशा-निर्देश विकसित करने पर भी सहमति व्यक्त की गई। कोरोना से निपटने के लिए जी 20 देशों के कृषि मंत्रियों की हुई इस असाधारण बैठक में खाद्य सुरक्षा, संरक्षा और पोषण पर इस महामारी के प्रभाव को लेकर चर्चा की गई। बैठक के दौरान खाद्य अपव्यय एवं नुकसान से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का संकल्प लिया गया।
बता दें कि वीडियो कॉन्फ्रेंङ्क्षसग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र ङ्क्षसह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संकट से निपटने के लिए सहयोगी देशों में सबसे आगे हैं और देश के नागरिकों की जरूरतों के अनुरूप कृषि मंत्रालय भी इसमें पीछे नहीं है। तोमर ने इस वैश्विक महामारी के खिलाफ सभी देशों से एकजुटता के साथ लडऩे का आह्वान किया। सऊदी अरब के पर्यावरण, जल एवं कृषि मंत्री अब्दुल रहमान अलफाजली की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मुख्य रूप से कोरोना वायरस के मुद्दे पर चर्चा की गई। इसमें सभी जी-20 सदस्यों, कुछ अतिथि देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में तोमर ने कहा कि भारत समस्त मानव जाति के लिए खाद्यान्न और किसान उत्पादकों के लिए आजीविका सुनिश्चित करके जी-20 के इस संकल्प में योगदान करेगा। सभी जानते हैं कि लॉजिस्टिक्स और उत्पादन चक्र में अवरोध के कारण उत्पन्न चुनौतियों से खाद्य सुरक्षा पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में भारत की सशक्त परिसंघीय व्यवस्था और विविधता में एकता अपेक्षा के अनुसार मजबूत होकर सामने आई है। तोमर ने कहा कि जब यह महामारी शुरू हुई थी, तब प्राथमिक ङ्क्षचता यह थी कि तैयार फसल की कटाई कैसे होगी। किसान खेतों में कोरोना से लडऩे वाले सच्चे योद्धा हैं, जिसके फलस्वरूप तीन करोड़ दस लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोये गए 67 प्रतिशत से भी अधिक गेहूं को काट लिया गया है। तिलहन और दलहन की कटाई पूरी हो चुकी है। ग्रीष्मकालीन फसलों की बुआई पिछले वर्ष समवर्ती अवधि की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक है। पत्रिका टीवी के लिए हनुमान गालवा की रिपोर्ट।

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