पुलवामा हमला— कहां से आया 300 किलो विस्फोटक?

Patrika 2020-04-20

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"14 फरवरी 2019 का दिन हर भारतीय को याद है। याद रहेगा भी। देश के 40 जवान जब एक फिदायीन हमले में मारे गए। उसके जख्म गहरे हैं और सवाल भी। इसी दिन जब वेलेंटाइंस डे पर पूरे देश में इसे मनाए जाने या गलत ठहराने पर बहस चल रही थी, उसी दिन शाम साढ़े चार बजे पूरे देश में सन्नाटा छा जाता है। हर कोई सकते में। चालीस परिवारों के घर चूल्हा नहीं जल पाया। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 में आतंकी हमला हुआ था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। पांच घायलों ने बाद में दम तोड़ दिया था। यानी 45 जवान हमने खोए इस हमले में।
यह हमला तब हुआ जब पुलवामा जिले के अवन्तिपोरा क्षेत्र में सीआरपीएफ के जवानों का मूवमेंट हो रहा था। सेना के ट्रक में सवार जवान अपने अगले पड़ाव पर जाने के लिए सफर कर रहे थे। ठीक चार बजे इस काफिले के पीछे से महिंद्रा स्कॉर्पियों आत है, सेना के वाहन से टकराकर एक धमाका होता है, जिसकी गूंज 20 किमी दूर श्रीनगर में सुनाई दी और पूरा देश सुनसान हो गया। इस आत्मघाती हमले में 40 की मौके पर मौत हुई और कई घायल हुए, जिन्हें श्रीनगर के आर्मी बेस कैंप के अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली। बाद में पता चला कि जिसने आत्मघाती हमला किया वो 20 साल का आदिल अहमद डार है, जो पुलवामा के ही काकापोरा का निवासी था।
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