प्रदेश के कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर आटा वितरित किया जायेगा। यह उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग और कर्फ्यू के दौरान बाहर निकलने से बचाने को किया जाएगा।
आटा पिसवाने को मिलेंगे पास भी
लाभार्थियों को कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में फ्लोर मिलों से आटा तैयार कर गेहूं के स्थान पर आटे का वितरण अथवा उनकी पात्रतानुसार गेहूं देते हुए क्षेत्र में अतिरिक्त चल आटा चक्कियों की व्यवस्था कर कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र के निवासियों को पास जारी करते हुए बारी-बारी से आटा पिसाई के लिए अनुमति दिए जाने का विकल्प रहेगा। इस दौरान कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग के मापदण्डों की पालना किया जाना जरूरी होगा।
खाद्य मंत्री ने बनाई नई व्यवस्था
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चन्द मीना ने बताया कि कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र के लाभार्थियों को दिये जाने वाला गेहूं का उठाव भारतीय खाद्य निगम से सीधा आटा मिलों को किया जायेगा।
मई महीने के लिए लागू होगा आदेश
प्रदेश में मई माह से गेहूं के लिए यह व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने बताया कि आटा मिलों द्वारा गेहूं की पिसाई कर प्रति किग्रा अधिकतम 100 ग्राम अर्थात 10 प्रतिशत छीजत काटते हुए दिये जाने वाले गेहूं की मात्रा के बदले आटा उपलब्ध करवाया जायेगा।