कोरोनावायरस संक्रमण (coronavirus phase) के बाद RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास दूसरी बार मीडिया को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने 27 मार्च को मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू के बाद मीडिया को संबोधित किया था. तब उन्होंने रेपो रेट में एक साथ 0.75 फीसदी की कटौती की थी। इस बार की सबसे बड़ी हाईलाइट रिवर्स रेपो रेट को कम करना रहा है। आरबीई ने रिवर्स रेपो रेट को 0.25 कम कर दिया है। इस तरह अब प्रभावी रिवर्स रेपो रेट(reverse repo rate) 3.75 प्रतिशत हो गई है। इस रेपो रेट कम करने का असर ये होगा कि अब बैंकों को अपना पैसा वापस आरबीआई को देना कम फायदे का सौदा होगा। इस तरह बैंक इस पैसे को बाजार में निवेश करने, उधारी बढ़ाने , एनबीएफसी को देने को लिए रास्ता तलाशेंगे और बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी। आरबीआई ने 17 अप्रेल को जितने भी कदमों की घोषणा की वो सारे कदम इसी पैमाने पर उठाए गए हैं कि जिससे बाजार में तरलता बढ़े और अर्थव्यस्था को गति मिले।