कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन को मुंबई के बांद्रा की एक घटना ने फेल कर दिया है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हजारों लोग इकट्ठा हो गए और घर भेजने की मांग करने लगे। देश को हिला देने वाली इस घटना के बाद सवाल उठ रहा है कि यह किसी की साजिश थी या फिर लापरवाही है? आखिर उद्धव ठाकरे की सरकार क्या कर रही है? लगातार मामले बढ़ने के बावजूद उद्धव ठाकरे की सरकार कोई ठोस रणनीति नहीं पेश कर पाई है?
#Coronavirus #Mumbai #PoliceLathicharged
मुंबई की पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर लॉकडाउन लागू होने के बावजूद इतने सारे लोग सड़क पर कैसे आए गए? इस मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस मामले में साजिश का आरोप लगाया है।
#Bandra #Mumbai #Lockdown2
फिलहाल इस मामले को लेकर महाराष्ट्र पुलिस न मुकदमा दर्ज कर लिया है और अब पुलिस को उन लोगों की तलाश है, जिन्होंने ने इन हजारों मजदूरों को गुमराह किया, जिसकी वजह से ये लोग बांद्रा स्टेशन पर आए थे। पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि आखिर किसने यह अफवाह फैलाई कि ट्रेन चलने जा रही है। एपिडेमिक एक्ट की धारा 3 और आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 186 और 188 के तहत करीब 800 से 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
#UddhavResign #MahaViolation #Bandrarailwaystation
वहीं,बांद्रा में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों के इकट्ठा होने के मामले में पुलिस ने एक शख्स को हिरासत में लिया है। माना जा रहा है कि उसके द्वारा सोशल मीडिया पर लिखे संदेशों के चलते ही मंगलवार को भीड़ जुटी और कई तरह की अफवाह फैलती चली गई। उस व्यक्ति का नाम विनय दुबे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि विनय को मंगलवार रात नवी मुंबई में ऐरोली से पकड़ा गया। उसे मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया है, जहां वह आजाद मैदान पुलिस की कस्टडी में रहेगा।