15 साल के सियासी वनवास के बाद मध्य प्रदेश की सत्ता में लौटी कांग्रेस में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। कई खेमों में बंटी कांग्रेस में खुलकर गुटबाजी दिखाई दे रही है। हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों से वादा किया था कि अगर वचन पत्र में उनसे किए गए वादे पूरे नहीं हुए तो वो भी उनके साथ सड़कों पर उतरेंगे। इसके जवाब में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि अगर ऐसा है तो वो उतर जाएं। दरअसल, मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव समेत तमाम मुद्दों पर दिल्ली में हो रही कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक के बाद निकले कमलनाथ से जब पूछा गया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया सड़कों पर उतरने की बात कर रहे हैं तो कमलनाथ गुस्से में कहते नजर आए कि वह उतर जाएं। राजनीतिक पंडितों की मानें तो कमलनाथ का ये बयान कई सवाल खड़े करता है। सियासी गलियारों में ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष न बनाए जाने के बाद से सियासी गलियारों में ये बात आती रही है कि सिंधिया भाजपा में शामिल हो सकते हैं, ऐसे में कमलनाथ का ये बयान किस ओर इशारा करता है.. ये बड़ा सवाल है। इतना ही नहीं, मध्यप्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी कमलनाथ का समर्थन करते नजर आए...