Latest Update on Nirbhaya case। 17th February को तय होगी फांसी की नई तारीख? SC issue guidelines

Patrika 2020-04-09

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निर्भया गैंगरेप केस में फांसी में हो रही देरी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा के मामलों के लिए गाइडलाइन तय की है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी की गई गाइडलाइन इस प्रकार से है. अगर कोई हाईकोर्ट किसी को मौत की सजा देने की पुष्टि करता है और सुप्रीम कोर्ट इसकी अपील पर सुनवाई की सहमति जताता है तो 6 महीने के भीतर मामले को तीन जजों की पीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा. गाइडलाइन में कहा गया है कि मामले के सूचीबद्ध होने के बाद सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री इस संबंध में मौत की सजा सुनाने वाली अदालत को इसकी सूचना देगी. इसके 60 दिनों के भीतर केस संबंधी सारा रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट भेजा जाएगा या जो समय अदालत तय करे उसका पालन होगा. अगर इस संबंध में कोई अतिरिक्त दस्तावेज या स्थानीय भाषा के दस्तावजों का ट्रांसलेशन देना है तो वो भी दिया जाएगा. गाइडलाइन के मुताबिक, रजिस्ट्री पक्षकारों को अतिरिक्त दस्तावेज के लिए 30 दिन का और समय दे सकती है. अगर निश्चित समय में ये प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तो मामले को रजिस्ट्रार के पास नहीं बल्कि जज के चेंबर में सूचीबद्ध किया जाएगा और जज चेंबर में ही विचार कर आदेश जारी करेंगे. इससे पहले दिल्ली की पटियाला कोर्ट अदालत ने गुरुवार को निर्भया दुष्कर्म मामले में डेथ वारंट जारी करने की याचिका पर सुनवाई 17 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी. अदालत ने माना कि दोषी अपने कानूनी उपायों को उपयोग करने के हकदार हैं और उनके मौलिक अधिकारों की अनदेखी नहीं की सकती. इससे अलावा अदालत ने गुरुवार को निर्भया दुष्कर्म और हत्या मामले में अधिवक्ता रवि काजी को दोषियों में से एक पवन गुप्ता की ओर से प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया. बता दें, चारों दोषियों में से सिर्फ पवन के पास ही सुधारात्मक और दया याचिका का विकल्प है. उधर, निर्भया गैंगरेप मामले में दोषियों को फांसी पर अलग-अलग लटकाने की मांग वाली केंद्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 20 फरवरी को सुनवाई करेगा. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया है कि कोर्ट में लंबित इस मामले से निचली अदालत की कार्रवाई बाध्य नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को कहा कि 17 फरवरी को होने वाली सुनवाई वो अपनी मेरिट के आधार पर करे. इसका मतलब है कि पटियाला हाउस कोर्ट अगर चाहे तो 17 फरवरी को नया डेथ वारंट जारी कर सकती है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी विनय की याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक निर्भया के दोषी विनय की मानसिक हालत बिल्कुल ठीक है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि ताजा मेडिकल रिपोर्ट कहती है कि दोषी विनय की न सिर्फ शारीरिक हालत ठीक है, बल्कि मानसिक हालत भी ठीक है. दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से दया याचिका खारिज करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. उसने मानसिक हालत ठीक नहीं होने की दलील दी थी. उसने यह भी आरोप लगाया था कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने सभी दस्तावेज नहीं रखे गए थे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दोषी विनय की इन दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति के सामने सभी दस्तावेज रखे गए थे.बता दें, राष्ट्रीय राजधानी के वसंत विहार इलाके में 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ चलती बस में बहुत ही बर्बर तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. इस जघन्य घटना के बाद पीड़िता को इलाज के लिए सरकार सिंगापुर ले गई जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

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