China से आने वाले सैकड़ों Indians रहेंगे अलवर में, जाने क्यों ?

Patrika 2020-04-08

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चीन से भारत आने वाले लोगों को कोरोना वायरस से जुड़ी स्क्रीनिंग के लिए अलवर में रखा जाना था...लेकिन वे अभी तक वहां नहीं पहुंचे है...माना जा रहा है कि ये लोग सोमवार को अलवर के ईएसआईसी अस्पताल पहुंच सकते है. क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले कोरोना वायरस की पहचान किसने की। नहीं न। तो हम आपको बता दें कि इसकी पहचान एक महिला चिकित्सक ने की जो कि वुहान के श्वांस रोग और उपचार केंद्र की निदेशक हैं। जी हां बात कर रहे हैं डॉक्टर जहांग जियांग की। उन्होंने बताया कि 26 दिसंबर की सुबह वुहान की 54 साल की रेस्पिरेटरी एक्सपर्ट जहांग जियांग ने नए तरह के फ्लू कोरोनावायरस से ग्रसित कुल 7 लोगों का परीक्षण किया। इनमें एक चीज कॉमन थी वो ये कि इन सभी लोगों में फेंफड़ों का एक्स रे करने पर निमोनिया से पीड़ित होने के लक्षण पाए गए. अगले दिन इस तरह के और मरीज डॉक्टर जियांग के पास आए. जियांग को एक बात बड़ी अजीब लगी कि उसी परिवार के ही और सदस्यों को ये बीमारी शिकार बना रही थी. जिससे ये बात साफ हो गई थी कि ये नई बीमारी फैलने वाली बीमारी है. उन्होंने बताया कि आम तौर पर जब कोई रोगी परिवार का एक सदस्य होता है. एक साथ एक परिवार के 3-4 सदस्य बीमार नहीं पड़ते. ये तभी होता है जब कोई रोग संपर्क में आने से फैले. मतलब फैलने वाला रोग हो. पहले 7 रोगियों में से 4 में एक और बात कॉमन थी वो थी चारों का वास्ता हुआन सीफूड और मीट मार्केट से था.जियांग ऐसी पहली डॉक्टर बनी जिन्होंने कोरोनावायरस के रोग की तफ्तीश शुरू की. इसी रोग से दुनियाभर में अगले 5 हफ्तों में करीब 300 लोगों की मौत हुई और 14000 से ज्यादा लोगों इससे प्रभावित हुए. एक महीने बाद जियांग चीन में हीरो बन गईं। जियांग हुबेई के प्रोवेंशियल अस्ताल में रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट में डायरेक्टर हैं. वो सौम्य स्वभाव की बताई जाती हैं. जियांग ने जानलेवा बीमारी कोरोनावायरस पर बात करते हुए कहा- ‘ये एक ऐसी बीमारी है जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा था. इस रोग से ग्रसित 4 लोग साउथ चाइना सी फूड मार्केट से थे. ये गंभीर बात थी. जो भी 7 लोग इस नई बीमारी की चपेट में आए थे उनके फेंफड़ो की जांच करने पर एक ही तरह की रिपोर्ट आ रही थी अब रोग की तीव्रता में फर्क था.’

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