इसलिए सुबह के समय दी जाती है फांसी, अफजल, कसाब और अब निर्भया के दोषियों को सुबह-सुबह होगी फांसी

Patrika 2020-04-07

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अजमल कसाब हो या अफजल गुरु और अब निर्भया केस के चारों दोषी जिन्हे 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी । अजमल कसाब की बात करें तो उसे सुबह 7.30 बजे फांसी वहीं अफजल गुरू को सुबह 8 बजे फांसी दे दी गई । लेकिन क्या आपने कभी सोचा है इन सभी को सुबह के समय ही फांसी क्यों दी जाती है। इसके पीछे की वजह जब जानना चाहा तो कई कारण सामने आए ।-आपको बता दे फांसी का वक्त सुबह-सुबह इसलिए मुकर्रर किया जाता है क्योंकि जेल मैन्युअल के तहत जेल के सभी कार्य सूर्योदय के बाद किए जाते हैं। फांसी के कारण जेल के बाकी कार्य प्रभावित ना हो और जेल में रहने वाले दूसरे कैदियों पर इसका असर ना पड़ सकें इसलिए सुबह के समय फांसी दी जाती है ।- सूर्योदय से पहले फांसी देने का काम इसलिए कहा जाता है क्योंकि अपराधी को यदि सूर्योदय को बाद में फांसी दी जाती है तो उसके दिमाग में पूरे दिन वही बुरे ख्याल आते रहते हैं जो मानवता के लिहाज से सही नहीं होता है इसलिए अपराधी को सुबह जल्दी उठा कर उससे कई नित्य काम करवाते हैं और उसे सुबह फांसी दे देते हैं इसके बाद उसके परिवार वालों को अंतिम संस्कार करने का भी समय मिल जाता है । -फांसी सूर्योदय से पहले देने का मुख्य कारण सामाजिक कारण भी होता है देश के हर व्यक्ति की नजर इस खबर पर होती है । इसलिए वो सुबह उठे और अपनी दैनिक कार्य से फ्री हो तब तक फांसी दे दी जाती है । यदि सुबह नहीं बाद में फांसी दी जाए तो लोगों को प्रतिक्रिया करने के लिए काफी समय मिल जाता है यदि सूर्योदय से पहले ही फांसी दे दी जाती है तो लोगों को कई प्रतिक्रियाएं करने का समय कम मिलता है ।

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