तू भरी जनि शता न ता जार जैबा,
बारूद जैसे फैट से लहर जैबा
हमरी जवानी के, धधकता हीटर
ता आजु नपम तहर गर्मी लगा के थर्मामीटर
जनि तू हमरा के लइका न बुझा,
करकतबा भीतर जवानी,
थंडीब ठोहा के गर्मी,
भरदें तोरा हौदा में पानी
केले खाए के उमिरिया तोहार बरुए
है बढ़ चढ़ल बोलल बेकार बरुए