हेल्थ डेस्क. लंदन के हेलिंगटन हॉस्पिटल में 39 साल की तारा जेन कोरोना वायरस से जंग लड़ रही हैं। उनका कहना है, ऐसा लग रहा है कि फेफड़े में शीशे चुभ रहे हैं। सांस लेना जंग लड़ने जैसा लग रहा है। यह बेहद डरा देने वाला अनुभव हैं, मैं दोबारा इसका सामना नहीं करना चाहती। हॉस्पिटल के आईसीयू से ही तारा एक वीडियो बनाकर शेयर किया है। जिसमें उन्होंने वर्तमान हालात का जिक्र किया है।
आईबूप्रोफेन से हालत बिगड़ी
तारा ने डेलीमेल को बताया, मेरे फेफड़ों में शीशे चुभ रहे हैं। मेरे लिए यह बताना मुश्किल है कि कैसे मैं सांस लेने के लिए जंग लड़ रही हूं। यह सब बेहद डरावना है। पांच दिन पहले मुझे एम्बुलेंस से हॉस्पिटल लाया गया। तारा के मुताबिक, करीब एक हफ्ते पहले तारा को सीने में संक्रमण की शिकायत हुई, उन्हें एंटीबायोटिक्स आईबूप्रोफेन और पैरासिटामॉल लेने की सलाह दी गई थी। वह कहती हैं कि मुझे लगता है, आईबूप्रोफेन ने कोरोना वायरस को और भी घातक बनाने का काम किया है।
एक दिन में 6 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत थी
कोरोना से लड़ रहीं तारा ने आईसीयू में ही एक वीडियो बनाया। इसे वॉट्सअप के जरिए अपने दोस्तों को भेजा और सावधानी बरतने की गुजारिश की। तारा के मुताबिक, आईसीयू में मेरे शरीर में कैथेटर लगाई गई हैं, जिससे मैं सांस ले रही हूं। पहले मुझे एक दिन में करीब 6 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत थी अब हालात सुधर रहे हैं और वर्तमान में एक लीटर ऑक्सीजन ले रही हूं।
लोगों को सिगरेट छोड़ने की गुजारिश
तारा के मुताबिक, अभी के हालात पिछली स्थिति के मुकाबले 10 गुना बेहतर हैं। अभी और कितने दिन लगेंगे ये सोचना छोड़ना दिया है। हर वो इंसान जो सिगरेट पीता है उसे अभी इसे छोड़ देना चाहिए, मेरी गुजारिश है आप लोग ऐसी स्थिति न बनने दें। मेरा शरीर इस समस्या से लड़ रहा है, आप लोग भी सावधानी बरतें।
पहले निमोनिया की आशंका जताई थी
तारा लंदन के उत्तरी-पश्चिमी हिस्से में रहती हैं। पति और दो बेटियों के साथ जब वह पोलैंड से लौटीं तो हालत बिगड़ी। 11 दिन पहले उन्होंने डॉक्टरी सलाह ली, जिसमें निमोनिया की बात सामने आई। पिछले हफ्ते उनकी हालत और खराब हुई। दोबारा टेस्ट में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई और आईसीयू में रखा गया।
युवाओं को भी जकड़ रहा कोरोना
तारा बताती हैं, आईसीयू में मेरे साथ दो लोग और भर्ती हैं। इनकी उम्र करीब 50 साल है। मैंने वीडियो इसलिए शेयर किया है ताकि बता सकूं कि कोरोनावायरस युवाओं को भी जकड़ रहा है। यहां डॉक्टर्स और नर्स बिना थके लगातार काम कर रहे हैं, जरूरी सावधानी बरत रहे हैं। अस्पताल में फेस मास्क खत्म हो गए हैं। नर्स ने चेहरे को मास्क की जगह प्लास्टिक से कवर किया हुआ है।
आइसोलेट करना ही एकमात्र बचाव का तरीका
तारा कहती हैं, संक्रमण से पहले मैं सावधानी बरतने की बातों को नकार देती थी। संक्रमण के बाद मेरी सोच बदल गई है। लोगों को यह समझने की जरूरत है कि खुद को आइसोलेट करना जरूरी है, यही कोरोना वायरस से बचने का एकमात्र तरीका है। दो हफ्ते पहले ही मुझे सरकार के निर्देशों का पालन करना चाहिए था। आप सभी को भी गंभीर होने की जरूरत है।