महीनों टिड्डी दलों का हमला झेलने के दौरान किसानों ने खेतों में अपनी फसलों को बचाने के लिए पारंपरिक ढोल थाल के साथ डीजे की धुनों का सहारा लिया था। किसानों ने सर्द रातों में पहरा देते हुए डीजे बजाते हुए टिड्डियों को खेतों से साफ करने की कड़ी मशक्कत की थी।