दिल्ली हिंसा के पीड़ितों के जख्म अभी सूखे नहीं हैं. 53 मौतें, सैंकड़ों घर-दुकान जला दिए गए, कइयों की तो अब रोजी-रोटी पर सवाल खड़ा हो गया है लेकिन सियासत जारी है. लोकसभा में 11 मार्च को दिल्ली हिंसा पर बहस हुई. केंद्र सरकार ये साबित करने की कोशिश में जुटी है कि दिल्ली हिंसा पर जल्द से जल्द काबू पा लिया गया. खुद गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे के अंदर पूरी सिचुएशन को समझ लिया और दंगा रोकने का काम किया. इस दौरान उन्होंने दिल्ली पुलिस की तारीफ भी की.