गोंडा शासन प्रशासन के लाखों प्रयास के बावजूद भी किसानों को छुट्टा जानवरों से निजात नहीं मिल पा रहे हैं l शासन द्वारा छुट्टा जानवरों को गौशाला भेजने की डेटलाइन पार होने के बाद भी शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक इनको किसानों की फसलों को चट करते हुए देखा जा सकता है l अधिकांश ग्राम पंचायतों में किसान अब खुद जान जोखिम में डालकर इन जानवरों को बांधकर चारा पानी दे रहे हैं उन्हें आशा है कि प्रशासन इन जानवरों को गौशाला भिजवा जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है l किसानों का आरोप है कि जब जिम्मेदारों को फोन किया जाता है तो वह यह बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं की गौशाला फुल है l ताजा प्रकरण कटराबाजार के ग्राम पंचायत पूरे बदल तिवारी पुरवा मे छूटटा जानवरों से परेशान हो चुके किसानों को आखिरकार छुट्टा जानवरों को बांधकर चारा पानी देने के लिए विवश होना पड़ रहा है किसानों ने बताया कि इन छुट्टा जानवरों के लिए दिन रात खेतों की रखवाली करने के लिए मजबूर हैं तनिक सा चुकजाने पर खड़ी फसल को पूरी तरह से नषट कर देते हैं l हम लोगों की फरियाद कोई सुनने को तैयार नहीं हो रहा है खेती की लागत भी हम लोगों डूब जाती है l हमारे परिवारों का भरण पोषण करने के लिय हम लोगों के पास खेती अलावा और कोई साधन नहीं है l शासन द्वारा छूटटा जानवरों के लिये ग्राम पंचायतों में गौशाला बनाए जाने का निर्देश दिया है परंतु यहां जन प्रतिनिधियों से छुट्टा जानवरों को गौशाला की बात करते है तो जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा गौशाला में जगह ने होने की बात कह कर टाल देते हैं। आखिर हम लोगों की घर गृहस्ती कैसे चले।