शाहीन बाग.. बिरयानी.. कश्मीर .. 370.. ‘बोली नहीं गोली’.. राम मंदिर.. राष्ट्रभक्ति, आतंकवाद.. मजहब.. तीन तलाक.. पाकिस्तान वगैरह वगैरह.. साहब.. ये चुनावी रैली है या किसी एक समुदाय के खिलाफ किसी दूसरे समुदाय को युद्ध के लिए प्रेरित करने का कोई भाषण? ताज्जुब है कि गेरुआ वस्त्र वाला एक योगी चुनाव प्रचार के अपने ओजस्वी भाषणों में इस तरह की वाणी का इस्तेमाल करता है.