लाइफस्टाइल डेस्क. राही बाई के उपलब्धियों के सफर की कहानी 20 साल पहले शुरु हुई थी। जब उनका पोता जहरीली सब्जी खाने के बाद बीमार पड़ा था। उस पल राही बाई ने जैविक खेती की शुरुआत करने का मन बनाया। बात सिर्फ खेती तक ही सीमित नहीं रही बीजों का ऐसा बैंक तैयार किया जो किसानों के लिए बेहद मुफीद साबित हुआ। 56 साल ही राही बाई सोम पोपरे आज पारिवारिक ज्ञान और प्राचीन परंपराओं की तकनीकों के साथ जैविक खेती को एक नया आयाम दे रही हैं।