बुर्के में मुसलमान महिलाओं की छवि सदियों से एक सहानुभूति, उपहास की रही है. पूरा बदन एक काले गाउन से ढका है है, महिलाओं को ऐसे देख कर समझा जाता है कि ये उनसे जबरदस्ती करवाया जा रहा है और वो गुमनामी, दुनिया से वंचित जिंदगी गुजरना पड़ रही है और उनकी कोई पहचान नहीं है वो ऐसा अपनी मर्जी से नहीं करती हैं और उन्हें अपने हक के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है.