वाराणसी. उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में ठंड रिकॉर्ड तोड़ने के करीब पहुंच गई है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक काशी में 57 साल बाद ठंड का तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। 31 दिसंबर 1962 को बनारस का न्यूनतम तापमान 2.3 डिग्री दर्ज किया गया था। इस बीच ठंड का असर श्मशान घाट पर भी दिखायी देर रहा है जहां शवों को जलाने के लिए लंबी कतारें लगी हुई हैं।
एक दिन में पहुंच रहे 150 से अधिक शव
वहीं बढ़ते ठंड की वजह से मौतों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। श्मशान पर शवों को जलाने के लिए लंबी लाइन देखने को मिल रही है। श्मशासन घाट पर शव जलाने वाले मुन्नू चौधरी ने बताया कि आम दिनों में 70 से 80 शव यहां जलाने के लिए आते हैं लेकिन इस बार ठंड की वजह से यह संख्या 150 को पार कर गई है। एक साथ 22 से 25 शवों को जलाने की व्यवस्था है। इसलिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है।
मिर्जापुर से आये राकेश कुमार सिंह ने बताया कि बड़े भाई का शव जलाने के लिए लेकर आए हैं। इतनी भीड़ है कि घण्टों इंतजार के बाद नम्बर आया। ठंड ने मोक्ष के लिए भी नम्बर लगवा दिया है।
एक जनवरी को बारिश होने के आसार
बीएचयू के पूर्व प्रोफेसर और मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय के अनुसार आज तापमान 2.3 डिग्री और मैक्सिमम 9 डिग्री तक पहुंच गया है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से 1जनवरी को बारिश की संभावना है।
वायुमंडल में नमी की वृद्धि और पश्चिमी विक्षोभ ने ठंड को अपने चरम पर पहुंचा दिया हैं। मंगलवार शाम तक घना कोहरा और 1 तारीख को बारिश का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान कि सीमाओं से पश्चिमी विक्षोभ भारत की और जम्मू तक पहुंचकर पंजाब, दिल्ली, हिमांचल होते हुए यूपी में आ चुका है। जिसकी वजह से देश में कड़ाके कि ठंड पड़ रही हैं।आने वाले दिनों में हाड़ कपाने वाली ठंड पड़ने के आसार हैं।