उन्नाव. गंगा के परियर घाट पर दफन करीब 100 शव शुक्रवार को बाहर आ गए। जंगली जानवरों द्वारा शवों को नुकसान पहुंचाते देख ग्रामीणों ने एसडीएम दिनेश कुमार को सूचना दी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि लगातार हो रहे अवैध खनन के चलते कब्रें खुद गईं, इस कारण शव बाहर दिखने लगे हैं। ग्रामीणों की बात को दबाने के लिए एसडीएम दिनेश कुमार ने धमकी भरे लहजे में कहा- "सुनो ज्यादा नेतागिरी करोगे न तो तुम्हारा भविष्य गड़बड़ हो जाएगा।" शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर आ रहे हैं। यह मामला बढ़े नहीं, इसलिए प्रशासन ने आनन-फानन में सभी शवों को बालू में दबा दिया।
सरकार ने मई व जुलाई में यहां 286 नम्बर भूमि पर 104 बीघा भूमि पर खनन का पट्टा पांच साल के लिए आवंटित किया है। पहले हुए खनन से गंगा नदी की धारा में कई जगह गढ्ढे तो हुए ही, साथ ही कई धाराएं भी हो गई हैं। स्नान घाट समाप्त हो जाने का अंदेशा ग्रामीणों को बना हुआ है। मनमाने तरीके से बालू खनन को लेकर पुरोहितों व ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
ग्रामीण पिंटू ने कहा- प्रशासन ने हमें लाशों को दफन करने के लिए बुलाया है। श्मशान घाट कटने से 100 लाशें निकली हैं। बाकी सब बह गईं हैं। खदान से गंगा की धारा श्मशान घाट की तरफ मुड़ गई है।
पहले भी हो चुका ऐसा
2013 में भी करीब दो सौ शव गंगा नदी में उतराते हुए मिले थे। ग्रामीणों की मांग व भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के विरोध के बाद उस समय की सपा सरकार ने परियर घाट पर श्मशानघाट बनवाया था। यहां स्नान के लिए 44 घाट बने हैं।