संसद के दोनों सदनों से विवादित नागरिकता संशोधन बिल पास होने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के चार सांसदों ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत का संधिवान धर्म के आधार पर वर्गीकरण की इजाज़त नहीं देता और यह बिल संविधान के अनुच्छेद 14 का खुला उल्लंघन है.
याचिका में यह भी कहा गया है कि यह बिल संविधान में उल्लिखित धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांतों पर सीधी चोट करता है. नागरिकता संशोधन बिल के ख़िलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में और क्या तर्क दिये गए हैं? इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं गोन्यूज़ संवाददाता सिद्धार्थ पांडेय।