नागरिकता संशोधन विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय के उन लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है, जिन्होंने देश में छह साल गुज़ार दिए हैं, लेकिन उनके पास कोई दस्तावेज़ नहीं है. इस मुद्दे पर विस्तार से बता रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा खानम शेरवानी और द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती.