मरते समय श्रीकृष्ण का स्मरण करने से मोक्ष मिल जाएगा? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2019)

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वीडियो जानकारी:
विश्रांति शिविर
८ सितंबर, २०१९
चंडीगढ़, पंजाब

प्रसंग:
अंतकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम्‌ ।
यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ৷৷8.5৷৷

भावार्थ : जो पुरुष अंतकाल में भी मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीर को त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात स्वरूप को प्राप्त होता है- इसमें कुछ भी संशय नहीं है॥8.5॥
(भगवद गीता, अध्याय ८, श्लोक ५ )

अभ्यासयोगयुक्तेन चेतसा नान्यगामिना ।
परमं पुरुषं दिव्यं याति पार्थानुचिन्तयन्‌ ॥8.8৷৷

भावार्थ : हे पार्थ! यह नियम है कि परमेश्वर के ध्यान के अभ्यास रूप योग से युक्त, दूसरी ओर न जाने वाले चित्त से निरंतर चिंतन करता हुआ मनुष्य परम प्रकाश रूप दिव्य पुरुष को अर्थात परमेश्वर को ही प्राप्त होता है॥8.8॥
(भगवद गीता, अध्याय ८, श्लोक ८)
मरते समय श्रीकृष्ण का स्मरण करने से मोक्ष मिल जाएगा?
परमात्मा को कब याद करें?


संगीत: मिलिंद दाते

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