बिछड़े हुओं को कैसे याद रखें? || आचार्य प्रशांत (2017)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर
२६ जून २०१७
औरा रिजॉर्ट, रामनगर, उत्तराखंड

प्रसंग:
पति की मृत्यु हो चुकी पर याद बहुत आता है क्या करूँ?
बिछड़े हुओं को कैसे याद रखें?
पुरानी यादों से बाहर कैसे निकलें?
पुरानी यादें क्यों आती है?
पुरानी यादों में सही लम्हा या दुःखी लम्हा ही क्यों याद आती है?
अतीत के चक्कर में वर्तमान भी क्यों ख़राब कर देते है?
व्यर्थ जीवन जीने से कैसे बचें?
क्या ऊपरवाले ने सबकुछ लिखकर भेजा है?

संगीत: मिलिंद दाते

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