वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग,
०८ अप्रैल, २०१९
विश्रांति शिविर,
गांधीधाम, गुजरात
प्रसंग:
भारत में इतने अध्यात्म के बावजूद इतनी दुर्दशा क्यों है?
भारत में अनेक गुरुओं के होने पर भी दुःख क्यों है?
अध्यात्म में आने के बाद भी दुर्दशा क्यों हो रही है?
क्या आध्यात्मिक होने पर भी दुःख मिलता है?
संगीत: मिलिंद दाते