वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर
२७ अगस्त, २०१७
खुर्पाताल, उत्तराखंड
दोहा:
“कामी का गुरु कामिनी, लोभी का गुरु दाम,
कबीर के गुरु संत हैं, संतान के गुरु राम।।”
~गुरु कबीर
प्रसंग:
कैसे जाँचें कि गुरु सच्चा है या नहीं?
गुरु कैसा?
गुरु का अर्थ क्या है?
सही गुरु ना मिले तो?
असली और नकली गुरु में क्या भेद है?
जैसे तुम, जैसी तुम्हारी खोज, वैसा तुम्हारा गुरु?
क्या गुरु के मन की बातें जानी जा सकती हैं?
संतों ने गुरु को सबसे ऊँचा दर्जा क्यों दिया है?
संगीत: मिलिंद दाते