जो बिना मूल्य दिए मिले वो अमूल्य है || आचार्य प्रशांत (2015)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
५ अगस्त २०१५,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
मूल्य और अमूल्य में कैसे भेद करें?
कबीर साहब ऐसा क्यों कहते हैं कि संसार में मिलने लायक हैं जो सहज मिलती हैं?
सहजता का क्या अर्थ है?

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