वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
१ मार्च २०१६
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
कृष्ण की कोई विधि है ही नहीं,
वहाँ तो सहज योग है.
सामने. अभी.
जाओ और डूब जाओ || (आचार्य प्रशांत)
प्रसंग:
कृष्ण का सन्देश किन तक पहुंचाए किन तक नहीं?
कैसे भेद करें की कौन इसके लिए पात्र है कौन कुपात्र?