क्या सभी संत और ग्रन्थ एक ही बात कहते हैं? || आचार्य प्रशांत (2017)

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वीडियो जानकारी:


प्रसंग:
हमें संतों और ग्रन्थों की बातें अलग-अलग क्यों लगती हैं?
संतों के वचनों को कैसे समझें?
ग्रंथों की सीख को जीवन में कैसे उतारें?
ग्रंथों के मर्म को कैसे समझें?
संतों का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है?

जानें इन महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर, आचार्य प्रशांत जी द्वारा इस शब्दयोग सत्संग के माध्यम से-

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आचार्य प्रशांत
शब्दयोग सत्संग
३ सितम्बर, २०१७
ए.डी.एम.
अद्वैत आश्रम, ग्रेटर नॉएडा

संगीत: मिलिंद दाते

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