वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२६ नवम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
दोहा:
पारस में अरु संत में बड़ो अन्तरो जान |
वो लोहा कंचन करे, ये कर दे आप समान ||
प्रसंग:
संत कौन है?
संत का पहचान कैसे करें?
साधक के जीवन में संत का क्या महत्व है?
कबीर साहब ने संत को पारस की उपमा क्यूँ दी है?
संगीत: मिलिंद दाते